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    मार्गदर्शन एवं परामर्श

    हमारे स्कूल परामर्शदाता द्वारा समय-समय पर और आवश्यकता पड़ने पर छात्रों को मार्गदर्शन और परामर्श दिया जाता है और रजिस्टर में रिकॉर्ड बनाए रखा जाता है।
    इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की समस्या को हल करना और समस्या समाधान के लिए उन्हें निम्नलिखित स्थितियों में प्रेरित करना है –

    1. पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित न कर पाना। पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हर दिन 15-30 मिनट ध्यान करने का सुझाव दिया और साथ ही स्कूल में भी इसका आयोजन किया।
    2. अध्यापक द्वारा दिये गये कार्य को न लिखना। स्कूल के काम के तनाव को कम करने के लिए हर दिन अधिक नोट्स लिखकर कारण को कवर करें।
    3. अनुशासनहीनता, अवज्ञा आदि विषयों पर अनुशासित रहने के नियम बताकर प्रेरित किया।
    4. नींद की समस्या: समय पर न उठ पाना और समय पर नींद न आना।
    5. किसी भी तरह की बात से चिढ़ना और तनावग्रस्त होना।
    6. बिना अनुमति के स्कूल में घूमना और साथ ही क्लास बंक करना और अनुपस्थिति रहना।
    7. छात्रों को जीवन में विषय चयन एवं लक्ष्य निर्धारण के बारे में मार्गदर्शन किया जाता है।
    8. विद्यालय में समय-समय पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा कार्यक्रम, व्याख्यान एवं सेमिनार आयोजित किये जाते हैं।