भवन एवं बाला पहल
केन्द्रीय विद्यालय संगठन के द्वारा विद्यालय के सभी स्थानो का प्रयोग बच्चों को सिखाने के उद्देश्य से करने के प्रयोग को ’’बाला’’ नाम दिया गया है। बाला विद्यालय के सम्पूर्ण भौतिक वातारण अन्दर, बाहर, अर्द्ध खुली जगह को सीखने के यन्त्र के रूप में विकसित करने का सिद्धांत है |विद्यालय सीखने का एक विशेष स्थल है | शैक्षिक गतिविधियों को आश्रय प्रदान करने के लिए विद्यालय भवनों की कल्पना की गयी है | बाला का उद्देश्य दीवारों, सीढ़ियों, खिडकियों, दरवाजे, छत , पेड़ों फूलों या यहाँ तक की ईमारत पर गिर रहे वर्षा जल के तत्वों को सीखने के संसाधन के रूप में प्रयोग करना है | इसी उददेश्य से पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय नरसिंहपुर में बाला कांसपेप्ट का चरितार्थ करने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं, विद्यालय की दीवारों पर भारत एवं म.प्र. के मानचित्रों को बनाकर बच्चों को देष एवं प्रदेष की भौगोलिक स्थिति समझने का मौका मिलता है साथ ही गणित की समिकाओं को सीढियों पर दर्षाकर उनका उचित अभ्यास बच्चों के द्वारा किया जाता है। प्राइमरी विभाग में चित्रों एवं संकेतों के द्वारा अक्षर एवं गणितीय अंकों को प्रदर्षित करना बाला कांसपेप्ट का अनूठा प्रयास है।